क्या आप जानते हैं जब हार्टफेल होता है तो क्या होता है?

सुनने में आता है कि किसी व्यक्ति की हार्ट फेल होने से मौत हो गई है. या हार्ट फेल्यर (Heart Failure) को लेकर कई तरह की और भी खबरें आती हैं.

ऐसे में जानते हैं कि हार्ट फेल्यर क्या है, किन कारणों से इसकी स्थिति बनती है और इसके क्या लक्षण है. इसके बाद आप समझ पाएंगे कि यह बीमारी किस तरह से खतरनाक है और इससे दूर रहने के लिए क्या करने की जरूरत है…

हार्ट फेल्यर होता क्या है?

डीडब्ल्यू की एक रिपोर्ट के अनुसार, इंसान का हेल्दी हार्ट दो चरणों में काम करता है. एक चरण होता है, जिसका नाम सिस्टोल चरण. इस चरण में मांसपेशियां सिकुड़ने का काम करती है और खून शरीर के बाकी हिस्सों में जाता है. इसके बाद दूसरा चरण होता है, जिसका नाम है डाइस्टोल. इस चरण में हार्ट की मासपेंशियां सहज हो जाती हैं और खून फिर से शरीर में आता है. हार्ट संबंधी बीमारियों के दौरान दिल से खून निकलने की प्रोसेस अच्छे से नहीं हो पाती है.

क्या है हार्ट फेल्यर का कारण

रिपोर्ट में डॉक्टर के हिसाब से बताया गया है कि हार्ट फेल होने के कई कारण होते हैं, जिसमें हाई ब्लड प्रेशर शामिल है. इसका सालों तक ना तो पता चलता है और ना ही इसका इलाज होता है. वहीं, हार्ट संबंधी बीमारियां भी कई बार हार्ट फेल का कारण बन जाती हैं. दिल की धमनियों का मोटा और सख्त होना भी हार्ट फेल्यर का कारण बनती है.

हार्ट फेल्यर की पहचान कैसे की जा सकती है?

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